राजभाषा

 प्रत्येक राष्ट्र के लिए उसकी भाषा, राष्ट्रीय झण्डा और संविधान उसके गौरव का प्रतीक होती है चूंकि भारत वर्ष एक बहुभाषी राष्ट्र है और वर्तमान में 22 भारतीय भाषाओं को अष्टम अनुसूची में सम्मिलित किया गया है। संविधान निर्माण के समय संघ की भाषा का प्रश्न आया कि कोई एक ऐसी भाषा चुनी जाए जो सम्पूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करे, तब संविधान सभा ने उस समय देश में सर्वाधिक प्रयुक्त भाषा हिंदी को दिनांक 14 सितम्बर 1949 को संघ की राजभाषा के रुप में मान्यता प्रदान की। भारतवर्ष की 70% से अधिक जनसंख्या हिंदी को बोल-चाल की भाषा के रुप में काम लेती है। साथ ही हिंदी आज भी विश्व की बोली जाने वाली भाषाओं में दूसरे स्थान पर है।

विदेश में स्थित होने के बावजूद केंद्रीय विद्यालय, काठमांडू भारतीय राजभाषा “हिंदी” के प्रचार-प्रसार के लिए पूरी तरह सजग और तत्पर है। विद्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन समिति कार्यशील है, जिसकी अध्यक्षता माननीय प्राचार्या द्वारा की जाती है। विद्यालय की राजभाषा समिति “राजभाषा विभाग, नई दिल्ली” द्वारा भेजे गए दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करती है। विद्यालय द्वारा हिंदी भाषा में किए जाने वाला पत्राचार,विदेश में स्थित कार्यालयों के लिए निर्धारित न्यूनतम सीमा से अधिक है। वर्तमान समय में कार्यरत कुल कर्मचारियों में 86% हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान रखते हैं। निकट भविष्य में 100% प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना है। हिंदी भाषा में अभिरुचि में वृद्धि करने के उद्देश्य से और कम्प्यूटर में हिंदी टंकण की जानकारी देने के लिए अनेक कार्यशालाओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।

विद्यालय में “विदेशों में स्थित भारतीय कार्यालयों के लिए निर्धारित राजभाषा के वार्षिक कार्यक्रम” का सजगता से पालन किया जाता है। विद्यालय द्वारा किए जा रहे हिंदी पत्राचार, राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के पालन और कार्यालय द्वारा लिखी जा रही हिंदी टिप्पणियों की प्रशंसा और सराहना केंद्रीय विद्यालय संगठन(मु) , नई दिल्ली द्वारा समय-समय पर की जाती रही है।